कहते हैं कुछ रिश्तो के नाम नहीं होते हैं, सिर्फ वो दिल से निभाये जाते हैं..... जी,.. ऎसा ही कुछ प्रज्ञा और नील के बीच था।
आए पढ़ते हैं.. क्या था उनका रिश्ता और कैसे बना उनका ये रिश्ता.....
प्रज्ञा बहुत ही सीधी -साधी , बहुत ही सुन्दर और मासूम भी थी। वो अपने घर का सारा काम करके बाकी का वक्त घर पर ही बिताती।कभी कभी बहुत बोर होती तो सोशल मीडिया पर कुछ ना कुछ शेअर करती, कुछ अच्छी पोस्ट को लाइक और कॉमेंट भी करती.... इस तरह वो अपना बाकी का वक्त बिताती।
कुछ दिनों से वो नोटिस कर रही थी कि एक लड़का उसकी हर पोस्ट को लाइक करता और कमेंट में gm.. या.. Geve... या Gn... लिखता। प्रज्ञा सोच में पड़ गईं। आखिर ये बंदा हैं, कौन... क्या मुझे जनता है..?? कोई दोस्त उसका था नहीं.... फिर ये हैं कौन..?? ? प्रज्ञा के दिमाग मे ऎसे कई सवाल गुम रहे थे। फिर प्रज्ञा ने उसके नाम पर क्लिक किया,.. नाम था..... नील... जी.. हाँ नील!!!
यही से शुरू होती है, नील और प्रज्ञा के मीठे से रिश्ते की शुरुआत........ प्रज्ञा ने नील की प्रोफाइल देखी... वो एक बहुत ही हैंडसम... और.. क्यूट सा दिखने वाला लड़का था उसने अपनी कई प्रोफाइल पिक्चर डाल रखी थी.. और वो सभी एक से बढ़कर एक थी.......देखने में थोड़ा मजनू जैसा लग रहा था। प्रज्ञा ने सोचा पूछूँ तो सही है कौन ये आखिर..? और एक मैसेज भेज दिया..
प्रज्ञा... Who r u..? (उसका मैसेज पहुँचते ही तुरंत रीप्ले आया..)
नील... Hiiii.... I am neel
प्रज्ञा... How do you know me??
नील.... पता नहीं....?
प्रज्ञा... What..??
नील ... वैसे आप बहुत खूबसूरत हो..
प्रज्ञा... Thnkx
नील... तो आप मुम्बई से हो..
प्रज्ञा.... हाँ.... पर तुम ये सब क्यू पूछ रहे हो.... और मै तुम्हें क्यू बताऊँ,......
नील ... जी मत बताईये... वैसे आपकी प्रोफ़ाइल में लिखा था इसलिए पूछा...??
प्रज्ञा.... जब पता चल गया था.. तो पूछा क्यू...??
नील.... जी.. वो तो आपसे बात करने के लिए...
प्रज्ञा..... क्या बात करनी है? ... क्यू बात करनी है? ..... मैं तुम्हें नहीं जानती फिर भी तुम .... मेरी हर पोस्ट पर लाइक.. और कमेंट क्यू करते हो...?
नील... जी.... अगर बात सिर्फ लाइक.. कमेंट की है... तो इसके लिए जानना जरूरी नहीं.... अगर आपको कोई पोस्ट पसंद आए तो आप उसे लाइक.. और कमेंट कर सकते हो.. रही बात आपको जानने की तो... अब जान लेते हैं..??
प्रज्ञा... (गुस्से में).. ज्यादा.. ओवर स्मार्ट मत बनो.... मै जानती हूँ... तुम जैसों को... और..बिना किसी को जाने .. किसी भी पोस्ट पर... Gm... या.. Geve.. Gn.. कौन लिखता है।
नील.... प्रज्ञा जी... आपकी समस्या क्या है..... आपको प्रॉब्लम हमे नहीं जानने से है.. या... लाइक.. कमेंट से,
प्रज्ञा.... दोनों से,
नील... तो एक प्रॉब्लम अभी सॉल्व कर देते हैं..... My name is neel sharma,... And I am a designer.
और मैं कानपुर से हूँ...... और बताए क्या जानना है, आपको.........
प्रज्ञा... मुझे कुछ नहीं जानना.... बस इतना कहना है कि मेरी पोस्ट पर... Gm.. Geve.. Gn.. ये सब नहीं लिखोगे।
नील.... (मुस्कुरा कर).. जी... ...नहीं करेगे.. आपकी ये प्रॉब्लम भी सॉल्व हो गई।..... अब तो कोई शिकायत नहीं ना......
प्रज्ञा.... Okay... Thnkx ?
नील......अच्छा जी..... अपने बारे में भी तो कुछ बता दें।
प्रज्ञा... मै किसी अजनबी को अपने बारे में क्यू बताऊँ....... मै ये जरूरी नहीं समझी।
नील..... जी... जैसी आपकी इच्छा... पर अब हम अजनबी नहीं रहे..।
प्रज्ञा...... झूझंला कर ऑफलाइन हो जाती हैं, उधर नील भी मुस्कुराता है, और मन ही मन ठान लेता है...... अब तो आपको जानकर ही रहुंगा।
कहानी जारी रहेगी..............
(आगे की कहानी.....अगले भाग में........ जल्द ही आएगा)
Comment में जरूर बताए कि आप को अब तक की कहानी कैसी लगी...... क्या हो सकती है नील और प्रज्ञा की कहानी.....और अपने सुझाव अवश्य दे।
Uma vaishnav